कैसे कह दें किसी को
प्यार कितना करते हैं उसको
जब वो सुनने को ही राजी नहीं
मनाए कैसे उसको ||
कैसे कह दें किसी को
कि जीना नहीं मुकम्मल
होगा हमारा उसके बिन
कैसे कह दें किसी को ||
जब वो समझते ही नही जज़्बात हमारे
सुनते ही नहीं फरियाद हमारे
कैसे कह दें किसी को
ये दिल के तमाम राज़ हमारे ||
-विनय 'विनोद'
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