Thursday, October 1, 2009

ये ज़िन्दगी

अजब है ये जिंदगी
गज़ब है ये ज़िन्दगी
जाने कब कौन से रंग
दिखा दे ये ज़िन्दगी
हर पल हर घड़ी इक नयी
तस्वीर दिखाती ये ज़िन्दगी
जाने कब कौन सी
दास्ताँ लिख दे ये जिंदगी
हर शख्श के लिए
कुछ अनोखा तलाशती ये ज़िन्दगी
हर समस्या के लिए
कुछ निदान खोजती ये ज़िन्दगी
हर आदि का अंत
सुझाती ये ज़िन्दगी
मुश्किलों से लड़ना
सिखाती ये ज़िन्दगी
इसके बिना कैसे
कटती ये ज़िन्दगी
इक स्वास का बस खेल है
फिर तमाम है ये ज़िन्दगी
फिर भी हर खास-ओ-आम
की तलाश है ये ज़िन्दगी
हर ग़म को भुला दे
ऐसी है ये ज़िन्दगी
हर समय मुस्कुराते रहने
का नाम है ये ज़िन्दगी
हर वक़्त एक अबूझ
पहेली है ये ज़िन्दगी
अजब है ये ज़िन्दगी
गजब है ये ज़िन्दगी||
-विनय 'विनोद'

1 comment:

  1. I love this word..."Zindagi"....bahut khubsurati se nawaza hai aapne zindagi ko...great rachna.thanks archana

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